Sonar Kathi (सोने की छड़ी) Lyrics in Hindi ¦¦ Pritam Das & Taalpatar Shepai
Sonar Kathi (सोने की छड़ी)
by Pritam Das & Taalpatar Shepai
Sonar Kathi Song is Crooned by Pritam Das from Taalpatar Shepai. Lyrics are written by Kritee Roy. Song Mixing And Mastering By Suman Ghosh And Biswajyoti Chakraborty.
Song: Sonar Kathi (सोने की छड़ी)
Composer: Pritam Das
Direction: Pritam Das
Recording Studio: Blooperhouse Studio
Sonar Kathi Lyrics in Hindi
आज आपको लगता है कि मैं वापस आ गया हूं
सीगल का घोंसला बहुत दूर है,
आज आपको लगता है कि मैं वापस आ गया हूं
शंख घोंसले दूर हैं।
मैं सुनहरी छड़ी का पता जानता हूं
मुझे पता है कि सोना, लाठी, पते क्या हैं
अपनी उंगली के स्पर्श में अचानक कांप।
ला ला ला ला ला…
मेरी कविता में भगोड़े का माधुर्य अभी भी मिश्रित है
मैं आपके साथ अचिनपुर चला गया,
असली गड़बड़ पीछे छूट गई
असली गन्दा दर्द,
मानो प्रेम स्वयं एक परीकथा है।
ला ला ला ला ला…
मुझे सर्दियों की दोपहर में भ्रम के पंख मिले
आप सूरज की छतरी को लटका दें,
और पतित दुःख फैल गया
आज मैं गिरने की लय से कांप रहा हूं।
तुम मुझे नए फीते से बाँध दो
मुझे पता है कि नदी के पानी में दर्पण सोच कर रोता है,
मैं भी आँसू बाँटूँगा
मैं आँसू साझा करूँगा,
अपने हाथों की हथेलियों पर संवेदनशील निशान।
ला ला ला ला ला…